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Suhel Khan and Saifur Nadwi

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16 An-Naĥl ٱلنَّحْل

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بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

16:112 وَضَرَبَ ٱللَّهُ مَثَلًا قَرْيَةً كَانَتْ ءَامِنَةً مُّطْمَئِنَّةً يَأْتِيهَا رِزْقُهَا رَغَدًا مِّن كُلِّ مَكَانٍ فَكَفَرَتْ بِأَنْعُمِ ٱللَّهِ فَأَذَٰقَهَا ٱللَّهُ لِبَاسَ ٱلْجُوعِ وَٱلْخَوْفِ بِمَا كَانُوا۟ يَصْنَعُونَ
16:112 और हर शख़्श को जो कुछ भी उसने किया था उसका पूरा पूरा बदला मिलेगा और उन पर किसी तरह का जुल्म न किया जाएगा ख़ुदा ने एक गाँव की मसल बयान फरमाई जिसके रहने वाले हर तरह के चैन व इत्मेनान में थे हर तरफ से बाफराग़त (बहुत ज्यादा) उनकी रोज़ी उनके पास आई थी फिर उन लोगों ने ख़ुदा की नूअमतों की नाशुक्री की तो ख़ुदा ने उनकी करतूतों की बदौलत उनको मज़ा चखा दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)