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Suhel Khan and Saifur Nadwi

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37 Aş-Şāffāt ٱلصَّافَّات

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بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

37:1 وَٱلصَّـٰٓفَّـٰتِ صَفًّا
37:1 (इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:2 فَٱلزَّٰجِرَٰتِ زَجْرًا
37:2 फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:3 فَٱلتَّـٰلِيَـٰتِ ذِكْرًا
37:3 फिर कुरान पढ़ने वालों की क़सम है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:4 إِنَّ إِلَـٰهَكُمْ لَوَٰحِدٌ
37:4 तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:5 رَّبُّ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا وَرَبُّ ٱلْمَشَـٰرِقِ
37:5 जो सारे आसमान ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) परवरदिगार है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:6 إِنَّا زَيَّنَّا ٱلسَّمَآءَ ٱلدُّنْيَا بِزِينَةٍ ٱلْكَوَاكِبِ
37:6 और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:7 وَحِفْظًا مِّن كُلِّ شَيْطَـٰنٍ مَّارِدٍ
37:7 और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:8 لَّا يَسَّمَّعُونَ إِلَى ٱلْمَلَإِ ٱلْأَعْلَىٰ وَيُقْذَفُونَ مِن كُلِّ جَانِبٍ
37:8 कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:9 دُحُورًا ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ وَاصِبٌ
37:9 और उनके लिए पाएदार अज़ाब है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:10 إِلَّا مَنْ خَطِفَ ٱلْخَطْفَةَ فَأَتْبَعَهُۥ شِهَابٌ ثَاقِبٌ
37:10 मगर जो (शैतान शाज़ व नादिर फरिश्तों की) कोई बात उचक ले भागता है तो आग का दहकता हुआ तीर उसका पीछा करता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:11 فَٱسْتَفْتِهِمْ أَهُمْ أَشَدُّ خَلْقًا أَم مَّنْ خَلَقْنَآ ۚ إِنَّا خَلَقْنَـٰهُم مِّن طِينٍ لَّازِبٍۭ
37:11 तो (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि उनका पैदा करना ज्यादा दुश्वार है या उन (मज़कूरा) चीज़ों का जिनको हमने पैदा किया हमने तो उन लोगों को लसदार मिट्टी से पैदा किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:12 بَلْ عَجِبْتَ وَيَسْخَرُونَ
37:12 बल्कि तुम (उन कुफ्फ़ार के इन्कार पर) ताज्जुब करते हो और वह लोग (तुमसे) मसख़रापन करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:13 وَإِذَا ذُكِّرُوا۟ لَا يَذْكُرُونَ
37:13 और जब उन्हें समझाया जाता है तो समझते नहीं हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:14 وَإِذَا رَأَوْا۟ ءَايَةً يَسْتَسْخِرُونَ
37:14 और जब किसी मौजिजे क़ो देखते हैं तो (उससे) मसख़रापन करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:15 وَقَالُوٓا۟ إِنْ هَـٰذَآ إِلَّا سِحْرٌ مُّبِينٌ
37:15 और कहते हैं कि ये तो बस खुला हुआ जादू है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:16 أَءِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَـٰمًا أَءِنَّا لَمَبْعُوثُونَ
37:16 भला जब हम मर जाएँगे और ख़ाक और हड्डियाँ रह जाएँगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:17 أَوَءَابَآؤُنَا ٱلْأَوَّلُونَ
37:17 तो क्या हम या हमारे अगले बाप दादा फिर दोबारा क़ब्रों से उठा खड़े किए जाँएगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:18 قُلْ نَعَمْ وَأَنتُمْ دَٰخِرُونَ
37:18 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि हाँ (ज़रूर उठाए जाओगे) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:19 فَإِنَّمَا هِىَ زَجْرَةٌ وَٰحِدَةٌ فَإِذَا هُمْ يَنظُرُونَ
37:19 और तुम ज़लील होगे और वह (क़यामत) तो एक ललकार होगी फिर तो वह लोग फ़ौरन ही (ऑंखे फाड़-फाड़ के) देखने लगेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:20 وَقَالُوا۟ يَـٰوَيْلَنَا هَـٰذَا يَوْمُ ٱلدِّينِ
37:20 और कहेंगे हाए अफसोस ये तो क़यामत का दिन है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:21 هَـٰذَا يَوْمُ ٱلْفَصْلِ ٱلَّذِى كُنتُم بِهِۦ تُكَذِّبُونَ
37:21 (जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:22 ۞ ٱحْشُرُوا۟ ٱلَّذِينَ ظَلَمُوا۟ وَأَزْوَٰجَهُمْ وَمَا كَانُوا۟ يَعْبُدُونَ
37:22 (और फ़रिश्तों को हुक्म होगा कि) जो लोग (दुनिया में) सरकशी करते थे उनको और उनके साथियों को और खुदा को छोड़कर जिनकी परसतिश करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:23 مِن دُونِ ٱللَّهِ فَٱهْدُوهُمْ إِلَىٰ صِرَٰطِ ٱلْجَحِيمِ
37:23 उनको (सबको) इकट्ठा करो फिर उन्हें जहन्नुम की राह दिखाओ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:24 وَقِفُوهُمْ ۖ إِنَّهُم مَّسْـُٔولُونَ
37:24 और (हाँ ज़रा) उन्हें ठहराओ तो उनसे कुछ पूछना है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:25 مَا لَكُمْ لَا تَنَاصَرُونَ
37:25 (अरे कमबख्तों) अब तुम्हें क्या होगा कि एक दूसरे की मदद नहीं करते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:26 بَلْ هُمُ ٱلْيَوْمَ مُسْتَسْلِمُونَ
37:26 (जवाब क्या देंगे) बल्कि वह तो आज गर्दन झुकाए हुए हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:27 وَأَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلَىٰ بَعْضٍ يَتَسَآءَلُونَ
37:27 और एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे होकर बाहम पूछताछ करेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:28 قَالُوٓا۟ إِنَّكُمْ كُنتُمْ تَأْتُونَنَا عَنِ ٱلْيَمِينِ
37:28 (और इन्सान शयातीन से) कहेंगे कि तुम ही तो हमारी दाहिनी तरफ से (हमें बहकाने को) चढ़ आते थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:29 قَالُوا۟ بَل لَّمْ تَكُونُوا۟ مُؤْمِنِينَ
37:29 वह जवाब देगें (हम क्या जानें) तुम तो खुद ईमान लाने वाले न थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:30 وَمَا كَانَ لَنَا عَلَيْكُم مِّن سُلْطَـٰنٍۭ ۖ بَلْ كُنتُمْ قَوْمًا طَـٰغِينَ
37:30 और (साफ़ तो ये है कि) हमारी तुम पर कुछ हुकूमत तो थी नहीं बल्कि तुम खुद सरकश लोग थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:31 فَحَقَّ عَلَيْنَا قَوْلُ رَبِّنَآ ۖ إِنَّا لَذَآئِقُونَ
37:31 फिर अब तो लोगों पर हमारे परवरदिगार का (अज़ाब का) क़ौल पूरा हो गया कि अब हम सब यक़ीनन अज़ाब का मज़ा चखेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:32 فَأَغْوَيْنَـٰكُمْ إِنَّا كُنَّا غَـٰوِينَ
37:32 हम खुद गुमराह थे तो तुम को भी गुमराह किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:33 فَإِنَّهُمْ يَوْمَئِذٍ فِى ٱلْعَذَابِ مُشْتَرِكُونَ
37:33 ग़रज़ ये लोग सब के सब उस दिन अज़ाब में शरीक होगें - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:34 إِنَّا كَذَٰلِكَ نَفْعَلُ بِٱلْمُجْرِمِينَ
37:34 और हम तो गुनाहगारों के साथ यूँ ही किया करते हैं ये लोग ऐसे (शरीर) थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:35 إِنَّهُمْ كَانُوٓا۟ إِذَا قِيلَ لَهُمْ لَآ إِلَـٰهَ إِلَّا ٱللَّهُ يَسْتَكْبِرُونَ
37:35 कि जब उनसे कहा जाता था कि खुदा के सिवा कोई माबूद नहीं तो अकड़ा करते थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:36 وَيَقُولُونَ أَئِنَّا لَتَارِكُوٓا۟ ءَالِهَتِنَا لِشَاعِرٍ مَّجْنُونٍۭ
37:36 और ये लोग कहते थे कि क्या एक पागल शायर के लिए हम अपने माबूदों को छोड़ बैठें (अरे कम्बख्तों ये शायर या पागल नहीं) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:37 بَلْ جَآءَ بِٱلْحَقِّ وَصَدَّقَ ٱلْمُرْسَلِينَ
37:37 बल्कि ये तो हक़ बात लेकर आया है और (अगले) पैग़म्बरों की तसदीक़ करता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:38 إِنَّكُمْ لَذَآئِقُوا۟ ٱلْعَذَابِ ٱلْأَلِيمِ
37:38 तुम लोग (अगर न मानोगे) तो ज़रूर दर्दनाक अज़ाब का मज़ा चखोगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:39 وَمَا تُجْزَوْنَ إِلَّا مَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ
37:39 और तुम्हें तो उसके किये का बदला दिया जाएगा जो (जो दुनिया में) करते रहे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:40 إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلْمُخْلَصِينَ
37:40 मगर खुदा के बरगुजीदा बन्दे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:41 أُو۟لَـٰٓئِكَ لَهُمْ رِزْقٌ مَّعْلُومٌ
37:41 उनके वास्ते (बेहिश्त में) एक मुक़र्रर रोज़ी होगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:42 فَوَٰكِهُ ۖ وَهُم مُّكْرَمُونَ
37:42 (और वह भी ऐसी वैसी नहीं) हर क़िस्म के मेवे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:43 فِى جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِيمِ
37:43 और वह लोग बड़ी इज्ज़त से नेअमत के (लदे हुए) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:44 عَلَىٰ سُرُرٍ مُّتَقَـٰبِلِينَ
37:44 बाग़ों में तख्तों पर (चैन से) आमने सामने बैठे होगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:45 يُطَافُ عَلَيْهِم بِكَأْسٍ مِّن مَّعِينٍۭ
37:45 उनमें साफ सफेद बुर्राक़ शराब के जाम का दौर चल रहा होगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:46 بَيْضَآءَ لَذَّةٍ لِّلشَّـٰرِبِينَ
37:46 जो पीने वालों को बड़ा मज़ा देगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:47 لَا فِيهَا غَوْلٌ وَلَا هُمْ عَنْهَا يُنزَفُونَ
37:47 (और फिर) न उस शराब में ख़ुमार की वजह से) दर्द सर होगा और न वह उस (के पीने) से मतवाले होंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:48 وَعِندَهُمْ قَـٰصِرَٰتُ ٱلطَّرْفِ عِينٌ
37:48 और उनके पहलू में (शर्म से) नीची निगाहें करने वाली बड़ी बड़ी ऑंखों वाली परियाँ होगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:49 كَأَنَّهُنَّ بَيْضٌ مَّكْنُونٌ
37:49 (उनकी) गोरी-गोरी रंगतों में हल्की सी सुर्ख़ी ऐसी झलकती होगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:50 فَأَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلَىٰ بَعْضٍ يَتَسَآءَلُونَ
37:50 गोया वह अन्डे हैं जो छिपाए हुए रखे हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:51 قَالَ قَآئِلٌ مِّنْهُمْ إِنِّى كَانَ لِى قَرِينٌ
37:51 फिर एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे पाकर बाहम बातचीत करते करते उनमें से एक कहने वाला बोल उठेगा कि (दुनिया में) मेरा एक दोस्त था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:52 يَقُولُ أَءِنَّكَ لَمِنَ ٱلْمُصَدِّقِينَ
37:52 और (मुझसे) कहा करता था कि क्या तुम भी क़यामत की तसदीक़ करने वालों में हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:53 أَءِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَـٰمًا أَءِنَّا لَمَدِينُونَ
37:53 (भला जब हम मर जाएँगे) और (सड़ गल कर) मिट्टी और हव्ी (होकर) रह जाएँगे तो क्या हमको दोबारा ज़िन्दा करके हमारे (आमाल का) बदला दिया जाएगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:54 قَالَ هَلْ أَنتُم مُّطَّلِعُونَ
37:54 (फिर अपने बेहश्त के साथियों से कहेगा) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:55 فَٱطَّلَعَ فَرَءَاهُ فِى سَوَآءِ ٱلْجَحِيمِ
37:55 तो क्या तुम लोग भी (मेरे साथ उसे झांक कर देखोगे) ग़रज़ झाँका तो उसे बीच जहन्नुम में (पड़ा हुआ) देखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:56 قَالَ تَٱللَّهِ إِن كِدتَّ لَتُرْدِينِ
37:56 (ये देख कर बेसाख्ता) बोल उठेगा कि खुदा की क़सम तुम तो मुझे भी तबाह करने ही को थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:57 وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّى لَكُنتُ مِنَ ٱلْمُحْضَرِينَ
37:57 और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:58 أَفَمَا نَحْنُ بِمَيِّتِينَ
37:58 (अब बताओ) क्या (मैं तुम से न कहता था) कि हम को इस पहली मौत के सिवा फिर मरना नहीं है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:59 إِلَّا مَوْتَتَنَا ٱلْأُولَىٰ وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ
37:59 और न हम पर (आख़ेरत) में अज़ाब होगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:60 إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ ٱلْفَوْزُ ٱلْعَظِيمُ
37:60 (तो तुम्हें यक़ीन न होता था) ये यक़ीनी बहुत बड़ी कामयाबी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:61 لِمِثْلِ هَـٰذَا فَلْيَعْمَلِ ٱلْعَـٰمِلُونَ
37:61 ऐसी (ही कामयाबी) के वास्ते काम करने वालों को कारगुज़ारी करनी चाहिए - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:62 أَذَٰلِكَ خَيْرٌ نُّزُلًا أَمْ شَجَرَةُ ٱلزَّقُّومِ
37:62 भला मेहमानी के वास्ते ये (सामान) बेहतर है या थोहड़ का दरख्त (जो जहन्नुमियों के वास्ते होगा) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:63 إِنَّا جَعَلْنَـٰهَا فِتْنَةً لِّلظَّـٰلِمِينَ
37:63 जिसे हमने यक़ीनन ज़ालिमों की आज़माइश के लिए बनाया है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:64 إِنَّهَا شَجَرَةٌ تَخْرُجُ فِىٓ أَصْلِ ٱلْجَحِيمِ
37:64 ये वह दरख्त हैं जो जहन्नुम की तह में उगता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:65 طَلْعُهَا كَأَنَّهُۥ رُءُوسُ ٱلشَّيَـٰطِينِ
37:65 उसके फल ऐसे (बदनुमा) हैं गोया (हू बहू) साँप के फन जिसे छूते दिल डरे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:66 فَإِنَّهُمْ لَـَٔاكِلُونَ مِنْهَا فَمَالِـُٔونَ مِنْهَا ٱلْبُطُونَ
37:66 फिर ये (जहन्नुमी लोग) यक़ीनन उसमें से खाएँगे फिर उसी से अपने पेट भरेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:67 ثُمَّ إِنَّ لَهُمْ عَلَيْهَا لَشَوْبًا مِّنْ حَمِيمٍ
37:67 फिर उसके ऊपर से उन को खूब खौलता हुआ पानी (पीप वग़ैरह में) मिला मिलाकर पीने को दिया जाएगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:68 ثُمَّ إِنَّ مَرْجِعَهُمْ لَإِلَى ٱلْجَحِيمِ
37:68 फिर (खा पीकर) उनको जहन्नुम की तरफ यक़ीनन लौट जाना होगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:69 إِنَّهُمْ أَلْفَوْا۟ ءَابَآءَهُمْ ضَآلِّينَ
37:69 उन लोगों ने अपन बाप दादा को गुमराह पाया था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:70 فَهُمْ عَلَىٰٓ ءَاثَـٰرِهِمْ يُهْرَعُونَ
37:70 ये लोग भी उनके पीछे दौड़े चले जा रहे हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:71 وَلَقَدْ ضَلَّ قَبْلَهُمْ أَكْثَرُ ٱلْأَوَّلِينَ
37:71 और उनके क़ब्ल अगलों में से बहुतेरे गुमराह हो चुके - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:72 وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا فِيهِم مُّنذِرِينَ
37:72 उन लोगों के डराने वाले (पैग़म्बरों) को भेजा था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:73 فَٱنظُرْ كَيْفَ كَانَ عَـٰقِبَةُ ٱلْمُنذَرِينَ
37:73 ज़रा देखो तो कि जो लोग डराए जा चुके थे उनका क्या बुरा अन्जाम हुआ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:74 إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلْمُخْلَصِينَ
37:74 मगर (हाँ) खुदा के निरे खरे बन्दे (महफूज़ रहे) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:75 وَلَقَدْ نَادَىٰنَا نُوحٌ فَلَنِعْمَ ٱلْمُجِيبُونَ
37:75 और नूह ने (अपनी कौम से मायूस होकर) हमें ज़रूर पुकारा था (देखो हम) क्या खूब जवाब देने वाले थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:76 وَنَجَّيْنَـٰهُ وَأَهْلَهُۥ مِنَ ٱلْكَرْبِ ٱلْعَظِيمِ
37:76 और हमने उनको और उनके लड़के वालों को बड़ी (सख्त) मुसीबत से नजात दी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:77 وَجَعَلْنَا ذُرِّيَّتَهُۥ هُمُ ٱلْبَاقِينَ
37:77 और हमने (उनमें वह बरकत दी कि) उनकी औलाद को (दुनिया में) बरक़रार रखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:78 وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِى ٱلْـَٔاخِرِينَ
37:78 और बाद को आने वाले लोगों में उनका अच्छा चर्चा बाक़ी रखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:79 سَلَـٰمٌ عَلَىٰ نُوحٍ فِى ٱلْعَـٰلَمِينَ
37:79 कि सारी खुदायी में (हर तरफ से) नूह पर सलाम है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:80 إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِى ٱلْمُحْسِنِينَ
37:80 हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:81 إِنَّهُۥ مِنْ عِبَادِنَا ٱلْمُؤْمِنِينَ
37:81 इसमें शक नहीं कि नूह हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों से थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:82 ثُمَّ أَغْرَقْنَا ٱلْـَٔاخَرِينَ
37:82 फिर हमने बाक़ी लोगों को डुबो दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:83 ۞ وَإِنَّ مِن شِيعَتِهِۦ لَإِبْرَٰهِيمَ
37:83 और यक़ीनन उन्हीं के तरीक़ो पर चलने वालों में इबराहीम (भी) ज़रूर थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:84 إِذْ جَآءَ رَبَّهُۥ بِقَلْبٍ سَلِيمٍ
37:84 जब वह अपने परवरदिगार (कि इबादत) की तरफ (पहलू में) ऐसा दिल लिए हुए बढ़े जो (हर ऐब से पाक था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:85 إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِۦ مَاذَا تَعْبُدُونَ
37:85 जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग किस चीज़ की परसतिश करते हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:86 أَئِفْكًا ءَالِهَةً دُونَ ٱللَّهِ تُرِيدُونَ
37:86 क्या खुदा को छोड़कर दिल से गढ़े हुए माबूदों की तमन्ना रखते हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:87 فَمَا ظَنُّكُم بِرَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ
37:87 फिर सारी खुदाई के पालने वाले के साथ तुम्हारा क्या ख्याल है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:88 فَنَظَرَ نَظْرَةً فِى ٱلنُّجُومِ
37:88 फिर (एक ईद में उन लोगों ने चलने को कहा) तो इबराहीम ने सितारों की तरफ़ एक नज़र देखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:89 فَقَالَ إِنِّى سَقِيمٌ
37:89 और कहा कि मैं (अनक़रीब) बीमार पड़ने वाला हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:90 فَتَوَلَّوْا۟ عَنْهُ مُدْبِرِينَ
37:90 तो वह लोग इबराहीम के पास से पीठ फेर फेर कर हट गए - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:91 فَرَاغَ إِلَىٰٓ ءَالِهَتِهِمْ فَقَالَ أَلَا تَأْكُلُونَ
37:91 (बस) फिर तो इबराहीम चुपके से उनके बुतों की तरफ मुतावज्जे हुए और (तान से) कहा तुम्हारे सामने इतने चढ़ाव रखते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:92 مَا لَكُمْ لَا تَنطِقُونَ
37:92 आख़िर तुम खाते क्यों नहीं (अरे तुम्हें क्या हो गया है) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:93 فَرَاغَ عَلَيْهِمْ ضَرْبًۢا بِٱلْيَمِينِ
37:93 कि तुम बोलते तक नहीं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:94 فَأَقْبَلُوٓا۟ إِلَيْهِ يَزِفُّونَ
37:94 फिर तो इबराहीम दाहिने हाथ से मारते हुए उन पर पिल पड़े (और तोड़-फोड़ कर एक बड़े बुत के गले में कुल्हाड़ी डाल दी) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:95 قَالَ أَتَعْبُدُونَ مَا تَنْحِتُونَ
37:95 जब उन लोगों को ख़बर हुई तो इबराहीम के पास दौड़ते हुए पहुँचे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:96 وَٱللَّهُ خَلَقَكُمْ وَمَا تَعْمَلُونَ
37:96 इबराहीम ने कहा (अफ़सोस) तुम लोग उसकी परसतिश करते हो जिसे तुम लोग खुद तराश कर बनाते हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:97 قَالُوا۟ ٱبْنُوا۟ لَهُۥ بُنْيَـٰنًا فَأَلْقُوهُ فِى ٱلْجَحِيمِ
37:97 हालाँकि तुमको और जिसको तुम लोग बनाते हो (सबको) खुदा ही ने पैदा किया है (ये सुनकर) वह लोग (आपस में कहने लगे) इसके लिए (भट्टी की सी) एक इमारत बनाओ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:98 فَأَرَادُوا۟ بِهِۦ كَيْدًا فَجَعَلْنَـٰهُمُ ٱلْأَسْفَلِينَ
37:98 और (उसमें आग सुलगा कर उसी दहकती हुई आग में इसको डाल दो) फिर उन लोगों ने इबराहीम के साथ मक्कारी करनी चाही - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:99 وَقَالَ إِنِّى ذَاهِبٌ إِلَىٰ رَبِّى سَيَهْدِينِ
37:99 तो हमने (आग सर्द गुलज़ार करके) उन्हें नीचा दिखाया और जब (आज़र ने) इबराहीम को निकाल दिया तो बोले मैं अपने परवरदिगार की तरफ जाता हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:100 رَبِّ هَبْ لِى مِنَ ٱلصَّـٰلِحِينَ
37:100 वह अनक़रीब ही मुझे रूबरा कर देगा (फिर ग़रज की) परवरदिगार मुझे एक नेको कार (फरज़न्द) इनायत फरमा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:101 فَبَشَّرْنَـٰهُ بِغُلَـٰمٍ حَلِيمٍ
37:101 तो हमने उनको एक बड़े नरम दिले लड़के (के पैदा होने की) खुशख़बरी दी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:102 فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ ٱلسَّعْىَ قَالَ يَـٰبُنَىَّ إِنِّىٓ أَرَىٰ فِى ٱلْمَنَامِ أَنِّىٓ أَذْبَحُكَ فَٱنظُرْ مَاذَا تَرَىٰ ۚ قَالَ يَـٰٓأَبَتِ ٱفْعَلْ مَا تُؤْمَرُ ۖ سَتَجِدُنِىٓ إِن شَآءَ ٱللَّهُ مِنَ ٱلصَّـٰبِرِينَ
37:102 फिर जब इस्माईल अपने बाप के साथ दौड़ धूप करने लगा तो (एक दफा) इबराहीम ने कहा बेटा खूब मैं (वही के ज़रिये क्या) देखता हूँ कि मैं तो खुद तुम्हें ज़िबाह कर रहा हूँ तो तुम भी ग़ौर करो तुम्हारी इसमें क्या राय है इसमाईल ने कहा अब्बा जान जो आपको हुक्म हुआ है उसको (बे तअम्मुल) कीजिए अगर खुदा ने चाहा तो मुझे आप सब्र करने वालों में से पाएगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:103 فَلَمَّآ أَسْلَمَا وَتَلَّهُۥ لِلْجَبِينِ
37:103 फिर जब दोनों ने ये ठान ली और बाप ने बेटे को (ज़िबाह करने के लिए) माथे के बल लिटाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:104 وَنَـٰدَيْنَـٰهُ أَن يَـٰٓإِبْرَٰهِيمُ
37:104 और हमने (आमादा देखकर) आवाज़ दी ऐ इबराहीम - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:105 قَدْ صَدَّقْتَ ٱلرُّءْيَآ ۚ إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِى ٱلْمُحْسِنِينَ
37:105 तुमने अपने ख्वाब को सच कर दिखाया अब तुम दोनों को बड़े मरतबे मिलेगें हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर देते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:106 إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ ٱلْبَلَـٰٓؤُا۟ ٱلْمُبِينُ
37:106 इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनी बड़ा सख्त और सरीही इम्तिहान था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:107 وَفَدَيْنَـٰهُ بِذِبْحٍ عَظِيمٍ
37:107 और हमने इस्माईल का फ़िदया एक ज़िबाहे अज़ीम (बड़ी कुर्बानी) क़रार दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:108 وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِى ٱلْـَٔاخِرِينَ
37:108 और हमने उनका अच्छा चर्चा बाद को आने वालों में बाक़ी रखा है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:109 سَلَـٰمٌ عَلَىٰٓ إِبْرَٰهِيمَ
37:109 कि (सारी खुदायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:110 كَذَٰلِكَ نَجْزِى ٱلْمُحْسِنِينَ
37:110 हम यूँ नेकी करने वालों को जज़ाए ख़ैर देते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:111 إِنَّهُۥ مِنْ عِبَادِنَا ٱلْمُؤْمِنِينَ
37:111 बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:112 وَبَشَّرْنَـٰهُ بِإِسْحَـٰقَ نَبِيًّا مِّنَ ٱلصَّـٰلِحِينَ
37:112 और हमने इबराहीम को इसहाक़ (के पैदा होने की) खुशख़बरी दी थी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:113 وَبَـٰرَكْنَا عَلَيْهِ وَعَلَىٰٓ إِسْحَـٰقَ ۚ وَمِن ذُرِّيَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَظَالِمٌ لِّنَفْسِهِۦ مُبِينٌ
37:113 जो एक नेकोसार नबी थे और हमने खुद इबराहीम पर और इसहाक़ पर अपनी बरकत नाज़िल की और इन दोनों की नस्ल में बाज़ तो नेकोकार और बाज़ (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सरीही सितम ढ़ाने वाला - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:114 وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَىٰ مُوسَىٰ وَهَـٰرُونَ
37:114 और हमने मूसा और हारून पर बहुत से एहसानात किए हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:115 وَنَجَّيْنَـٰهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ ٱلْكَرْبِ ٱلْعَظِيمِ
37:115 और खुद दोनों को और इनकी क़ौम को बड़ी (सख्त) मुसीबत से नजात दी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:116 وَنَصَرْنَـٰهُمْ فَكَانُوا۟ هُمُ ٱلْغَـٰلِبِينَ
37:116 और (फिरऔन के मुक़ाबले में) हमने उनकी मदद की तो (आख़िर) यही लोग ग़ालिब रहे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:117 وَءَاتَيْنَـٰهُمَا ٱلْكِتَـٰبَ ٱلْمُسْتَبِينَ
37:117 और हमने उन दोनों को एक वाज़ेए उलम तालिब किताब (तौरेत) अता की - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:118 وَهَدَيْنَـٰهُمَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ
37:118 और दोनों को सीधी राह की हिदायत फ़रमाई - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:119 وَتَرَكْنَا عَلَيْهِمَا فِى ٱلْـَٔاخِرِينَ
37:119 और बाद को आने वालों में उनका ज़िक्रे ख़ैर बाक़ी रखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:120 سَلَـٰمٌ عَلَىٰ مُوسَىٰ وَهَـٰرُونَ
37:120 कि (हर जगह) मूसा और हारून पर सलाम (ही सलाम) है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:121 إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِى ٱلْمُحْسِنِينَ
37:121 हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:122 إِنَّهُمَا مِنْ عِبَادِنَا ٱلْمُؤْمِنِينَ
37:122 बेशक ये दोनों हमारे (ख़ालिस ईमानदार बन्दों में से थे) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:123 وَإِنَّ إِلْيَاسَ لَمِنَ ٱلْمُرْسَلِينَ
37:123 और इसमें शक नहीं कि इलियास यक़ीनन पैग़म्बरों में से थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:124 إِذْ قَالَ لِقَوْمِهِۦٓ أَلَا تَتَّقُونَ
37:124 जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:125 أَتَدْعُونَ بَعْلًا وَتَذَرُونَ أَحْسَنَ ٱلْخَـٰلِقِينَ
37:125 क्या तुम लोग बाल (बुत) की परसतिश करते हो और खुदा को छोड़े बैठे हो जो सबसे बेहतर पैदा करने वाला है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:126 ٱللَّهَ رَبَّكُمْ وَرَبَّ ءَابَآئِكُمُ ٱلْأَوَّلِينَ
37:126 और (जो) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे अगले बाप दादाओं का (भी) परवरदिगार है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:127 فَكَذَّبُوهُ فَإِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ
37:127 तो उसे लोगों ने झुठला दिया तो ये लोग यक़ीनन (जहन्नुम) में गिरफ्तार किए जाएँगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:128 إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلْمُخْلَصِينَ
37:128 मगर खुदा के निरे खरे बन्दे महफूज़ रहेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:129 وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِى ٱلْـَٔاخِرِينَ
37:129 और हमने उनका ज़िक्र ख़ैर बाद को आने वालों में बाक़ी रखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:130 سَلَـٰمٌ عَلَىٰٓ إِلْ يَاسِينَ
37:130 कि (हर तरफ से) आले यासीन पर सलाम (ही सलाम) है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:131 إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِى ٱلْمُحْسِنِينَ
37:131 हम यक़ीनन नेकी करने वालों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:132 إِنَّهُۥ مِنْ عِبَادِنَا ٱلْمُؤْمِنِينَ
37:132 बेशक वह हमारे (ख़ालिस) ईमानदार बन्दों में थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:133 وَإِنَّ لُوطًا لَّمِنَ ٱلْمُرْسَلِينَ
37:133 और इसमें भी शक नहीं कि लूत यक़ीनी पैग़म्बरों में से थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:134 إِذْ نَجَّيْنَـٰهُ وَأَهْلَهُۥٓ أَجْمَعِينَ
37:134 जब हमने उनको और उनके लड़के वालों सब को नजात दी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:135 إِلَّا عَجُوزًا فِى ٱلْغَـٰبِرِينَ
37:135 मगर एक (उनकी) बूढ़ी बीबी जो पीछे रह जाने वालों ही में थीं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:136 ثُمَّ دَمَّرْنَا ٱلْـَٔاخَرِينَ
37:136 फिर हमने बाक़ी लोगों को तबाह व बर्बाद कर दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:137 وَإِنَّكُمْ لَتَمُرُّونَ عَلَيْهِم مُّصْبِحِينَ
37:137 और ऐ अहले मक्का तुम लोग भी उन पर से (कभी) सुबह को और (कभी) शाम को (आते जाते गुज़रते हो) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:138 وَبِٱلَّيْلِ ۗ أَفَلَا تَعْقِلُونَ
37:138 तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:139 وَإِنَّ يُونُسَ لَمِنَ ٱلْمُرْسَلِينَ
37:139 और इसमें शक नहीं कि यूनुस (भी) पैग़म्बरों में से थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:140 إِذْ أَبَقَ إِلَى ٱلْفُلْكِ ٱلْمَشْحُونِ
37:140 (वह वक्त याद करो) जब यूनुस भाग कर एक भरी हुई कश्ती के पास पहुँचे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:141 فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ ٱلْمُدْحَضِينَ
37:141 तो (अहले कश्ती ने) कुरआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी (और दरिया में गिर पड़े) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:142 فَٱلْتَقَمَهُ ٱلْحُوتُ وَهُوَ مُلِيمٌ
37:142 तो उनको एक मछली निगल गयी और यूनुस खुद (अपनी) मलामत कर रहे थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:143 فَلَوْلَآ أَنَّهُۥ كَانَ مِنَ ٱلْمُسَبِّحِينَ
37:143 फिर अगर यूनुस (खुदा की) तसबीह (व ज़िक्र) न करते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:144 لَلَبِثَ فِى بَطْنِهِۦٓ إِلَىٰ يَوْمِ يُبْعَثُونَ
37:144 तो रोज़े क़यामत तक मछली के पेट में रहते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:145 ۞ فَنَبَذْنَـٰهُ بِٱلْعَرَآءِ وَهُوَ سَقِيمٌ
37:145 फिर हमने उनको (मछली के पेट से निकाल कर) एक खुले मैदान में डाल दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:146 وَأَنۢبَتْنَا عَلَيْهِ شَجَرَةً مِّن يَقْطِينٍ
37:146 और (वह थोड़ी देर में) बीमार निढाल हो गए थे और हमने उन पर साये के लिए एक कद्दू का दरख्त उगा दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:147 وَأَرْسَلْنَـٰهُ إِلَىٰ مِا۟ئَةِ أَلْفٍ أَوْ يَزِيدُونَ
37:147 और (इसके बाद) हमने एक लाख बल्कि (एक हिसाब से) ज्यादा आदमियों की तरफ (पैग़म्बर बना कर भेजा) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:148 فَـَٔامَنُوا۟ فَمَتَّعْنَـٰهُمْ إِلَىٰ حِينٍ
37:148 तो वह लोग (उन पर) ईमान लाए फिर हमने (भी) एक ख़ास वक्त तक उनको चैन से रखा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:149 فَٱسْتَفْتِهِمْ أَلِرَبِّكَ ٱلْبَنَاتُ وَلَهُمُ ٱلْبَنُونَ
37:149 तो (ऐ रसूल) उन कुफ्फ़ार से पूछो कि क्या तुम्हारे परवरदिगार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:150 أَمْ خَلَقْنَا ٱلْمَلَـٰٓئِكَةَ إِنَـٰثًا وَهُمْ شَـٰهِدُونَ
37:150 (क्या वाक़ई) हमने फरिश्तों की औरतें बनाया है और ये लोग (उस वक्त) मौजूद थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:151 أَلَآ إِنَّهُم مِّنْ إِفْكِهِمْ لَيَقُولُونَ
37:151 ख़बरदार (याद रखो कि) ये लोग यक़ीनन अपने दिल से गढ़-गढ़ के कहते हैं कि खुदा औलाद वाला है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:152 وَلَدَ ٱللَّهُ وَإِنَّهُمْ لَكَـٰذِبُونَ
37:152 और ये लोग यक़ीनी झूठे हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:153 أَصْطَفَى ٱلْبَنَاتِ عَلَى ٱلْبَنِينَ
37:153 क्या खुदा ने (अपने लिए) बेटियों को बेटों पर तरजीह दी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:154 مَا لَكُمْ كَيْفَ تَحْكُمُونَ
37:154 (अरे कम्बख्तों) तुम्हें क्या जुनून हो गया है तुम लोग (बैठे-बैठे) कैसा फैसला करते हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:155 أَفَلَا تَذَكَّرُونَ
37:155 तो क्या तुम (इतना भी) ग़ौर नहीं करते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:156 أَمْ لَكُمْ سُلْطَـٰنٌ مُّبِينٌ
37:156 या तुम्हारे पास (इसकी) कोई वाज़ेए व रौशन दलील है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:157 فَأْتُوا۟ بِكِتَـٰبِكُمْ إِن كُنتُمْ صَـٰدِقِينَ
37:157 तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो अपनी किताब पेश करो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:158 وَجَعَلُوا۟ بَيْنَهُۥ وَبَيْنَ ٱلْجِنَّةِ نَسَبًا ۚ وَلَقَدْ عَلِمَتِ ٱلْجِنَّةُ إِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ
37:158 और उन लोगों ने खुदा और जिन्नात के दरमियान रिश्ता नाता मुक़र्रर किया है हालाँकि जिन्नात बखूबी जानते हैं कि वह लोग यक़ीनी (क़यामत में बन्दों की तरह) हाज़िर किए जाएँगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:159 سُبْحَـٰنَ ٱللَّهِ عَمَّا يَصِفُونَ
37:159 ये लोग जो बातें बनाया करते हैं इनसे खुदा पाक साफ़ है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:160 إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلْمُخْلَصِينَ
37:160 मगर खुदा के निरे खरे बन्दे (ऐसा नहीं कहते) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:161 فَإِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ
37:161 ग़रज़ तुम लोग खुद और तुम्हारे माबूद - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:162 مَآ أَنتُمْ عَلَيْهِ بِفَـٰتِنِينَ
37:162 उसके ख़िलाफ (किसी को) बहका नहीं सकते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:163 إِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ ٱلْجَحِيمِ
37:163 मगर उसको जो जहन्नुम में झोंका जाने वाला है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:164 وَمَا مِنَّآ إِلَّا لَهُۥ مَقَامٌ مَّعْلُومٌ
37:164 और फरिश्ते या आइम्मा तो ये कहते हैं कि मैं हर एक का एक दरजा मुक़र्रर है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:165 وَإِنَّا لَنَحْنُ ٱلصَّآفُّونَ
37:165 और हम तो यक़ीनन (उसकी इबादत के लिए) सफ बाँधे खड़े रहते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:166 وَإِنَّا لَنَحْنُ ٱلْمُسَبِّحُونَ
37:166 और हम तो यक़ीनी (उसकी) तस्बीह पढ़ा करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:167 وَإِن كَانُوا۟ لَيَقُولُونَ
37:167 अगरचे ये कुफ्फार (इस्लाम के क़ब्ल) कहा करते थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:168 لَوْ أَنَّ عِندَنَا ذِكْرًا مِّنَ ٱلْأَوَّلِينَ
37:168 कि अगर हमारे पास भी अगले लोगों का तज़किरा (किसी किताबे खुदा में) होता - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:169 لَكُنَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلْمُخْلَصِينَ
37:169 तो हम भी खुदा के निरे खरे बन्दे ज़रूर हो जाते - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:170 فَكَفَرُوا۟ بِهِۦ ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ
37:170 (मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:171 وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا ٱلْمُرْسَلِينَ
37:171 और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:172 إِنَّهُمْ لَهُمُ ٱلْمَنصُورُونَ
37:172 कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:173 وَإِنَّ جُندَنَا لَهُمُ ٱلْغَـٰلِبُونَ
37:173 और हमारा लश्कर तो यक़ीनन ग़ालिब रहेगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:174 فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّىٰ حِينٍ
37:174 तो (ऐ रसूल) तुम उनसे एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:175 وَأَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ
37:175 और इनको देखते रहो तो ये लोग अनक़रीब ही (अपना नतीजा) देख लेगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:176 أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ
37:176 तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:177 فَإِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَآءَ صَبَاحُ ٱلْمُنذَرِينَ
37:177 फिर जब (अज़ाब) उनकी अंगनाई में उतर पडेग़ा तो जो लोग डराए जा चुके हैं उनकी भी क्या बुरी सुबह होगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:178 وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّىٰ حِينٍ
37:178 और उन लोगों से एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:179 وَأَبْصِرْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ
37:179 और देखते रहो ये लोग तो खुद अनक़रीब ही अपना अन्जाम देख लेगें - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:180 سُبْحَـٰنَ رَبِّكَ رَبِّ ٱلْعِزَّةِ عَمَّا يَصِفُونَ
37:180 ये लोग जो बातें (खुदा के बारे में) बनाया करते हैं उनसे तुम्हारा परवरदिगार इज्ज़त का मालिक पाक साफ है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:181 وَسَلَـٰمٌ عَلَى ٱلْمُرْسَلِينَ
37:181 और पैग़म्बरों पर (दुरूद) सलाम हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

37:182 وَٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ
37:182 और कुल तारीफ खुदा ही के लिए सज़ावार हैं जो सारे जहाँन का पालने वाला है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)